Published by: Delhi Law Firm
Category: Legal Advice | Reading Time: 6 Minutes
💍 Introduction
कोर्ट मैरिज या लव मैरिज करने वाले अधिकतर कपल्स यह तो जान लेते हैं कि शादी कैसे करनी है,
लेकिन शादी के बाद क्या करना चाहिए, यह बहुत कम लोगों को पता होता है।
दरअसल, शादी के बाद के पहले सात दिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं।
इन्हीं सात दिनों में तय होता है कि आपका रिश्ता कितना मजबूत रहेगा,
क्या आपके परिवार इस रिश्ते को स्वीकार करेंगे,
और क्या आपको भविष्य में कोई कानूनी समस्या तो नहीं आएगी।
Delhi Law Firm इस पोस्ट में बताएगा कि कोर्ट मैरिज या लव मैरिज के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
और किन गलतियों से बचना जरूरी है।
⚖️ पहला कदम – सही कानूनी जानकारी रखें
भारत में दो प्रमुख विवाह कानून हैं:
1️⃣ Hindu Marriage Act, 1955
2️⃣ Special Marriage Act, 1954
अगर दोनों पक्ष हिंदू हैं, तो आप हिंदू मैरिज एक्ट के तहत शादी कर सकते हैं।
इसमें विवाह वैदिक रीतियों से होता है और उसी दिन या अगले दिन रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।
अगर दोनों अलग-अलग धर्मों के हैं, तो आपको Special Marriage Act के तहत शादी करनी होगी।
इसमें 30 दिन का नोटिस पीरियड होता है और पूरी प्रक्रिया लगभग 45–50 दिन में पूरी होती है।
ध्यान दें: बौद्ध, जैन और सिख धर्म को भी हिंदू Marriage Act में शामिल किया गया है।
📜 दूसरा कदम – फर्जी सर्टिफिकेट से सावधान
कई बार जल्दबाजी में कपल नोटरी एफिडेविट को ही “मैरिज सर्टिफिकेट” समझ लेते हैं।
यह एक बड़ी गलती है।
नोटरी पेपर पर लिखा एफिडेविट शादी का वैध प्रमाण पत्र नहीं होता।
असली सर्टिफिकेट केवल सरकारी Marriage Officer या SDM ऑफिस से जारी किया जाता है।
भविष्य में किसी विवाद से बचने के लिए हमेशा असली सर्टिफिकेट ही प्राप्त करें।
🏠 तीसरा कदम – शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है
अगर आपने मंदिर या आर्य समाज में विवाह किया है,
तो उसका सरकारी रजिस्ट्रेशन कराना बेहद जरूरी है।
रजिस्ट्रेशन से आपकी शादी को कानूनी मान्यता मिलती है और यह
पति-पत्नी दोनों के अधिकारों की सुरक्षा करता है।
बिना रजिस्ट्रेशन के शादी को अदालत में साबित करना मुश्किल हो सकता है।
📞 चौथा कदम – परिवार से संपर्क बनाए रखें
शादी के बाद कई कपल गलती से लड़की के परिवार से बात नहीं करवाते।
यह व्यवहार स्थिति को और बिगाड़ देता है।
सबसे पहले परिवार को शांतिपूर्वक बताएं कि आपने कानूनी रूप से वैध शादी की है।
यदि वे गुस्से में हों, तो अपमानजनक व्यवहार न करें —
शांत और सम्मानजनक रवैया आगे चलकर रिश्तों को सुधारने में मदद करेगा।
🔊 पाँचवाँ कदम – धमकी या डर मिलने पर सबूत रखें
यदि किसी भी पक्ष से आपको धमकी दी जा रही है,
तो उसकी रिकॉर्डिंग या वीडियो सबूत अवश्य रखें।
ये रिकॉर्डिंग बाद में पुलिस या अदालत में साक्ष्य के रूप में काम आती हैं।
📨 छठा कदम – पुलिस को Intimation Letter भेजें
अगर आप पति-पत्नी के रूप में साथ रह रहे हैं,
तो पुलिस को एक इंटीमेशन लेटर भेजना बहुत ज़रूरी है।
इससे यह आधिकारिक रूप से दर्ज हो जाता है कि आप विवाहित जोड़ा हैं।
यह कदम आपको किसी झूठी एफआईआर या शिकायत से बचाता है।
🚫 सातवाँ कदम – शादी के बाद अलग न रहें
शादी के तुरंत बाद दोनों पार्टनर को अलग-अलग नहीं रहना चाहिए।
ऐसा करने से परिवारों में विवाद या हिंसा की स्थिति बन सकती है।
अगर आप अपनी शादी को सार्वजनिक करना चाहते हैं,
तो दोनों साथ रहते हुए और सुरक्षित माहौल में ही यह निर्णय लें।
🕊️ आठवाँ कदम – धैर्य और संयम बनाए रखें
शादी के बाद भावनाएँ प्रबल होती हैं, लेकिन यही समय है संयम का।
किसी भी स्थिति में गुस्सा न करें,
परिवार या रिश्तेदारों से अपमानजनक भाषा में बात न करें।
शांतिपूर्वक और सम्मानजनक व्यवहार ही रिश्ते को स्थायी बनाता है।
✍️ नौवाँ कदम – किसी दस्तावेज़ पर साइन करने से पहले सलाह लें
अगर कोई व्यक्ति शादी के बाद किसी दस्तावेज़ पर जबरदस्ती साइन करवाना चाहे,
तो तुरंत किसी अनुभवी वकील से सलाह लें।
बिना कानूनी राय लिए कोई दस्तावेज़ साइन न करें।
⚖️ दसवाँ कदम – भरोसेमंद Legal Team चुनें
शादी जीवन का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय है।
इसलिए हमेशा किसी विश्वसनीय लॉ फर्म या एडवोकेट की सहायता लें,
जो शादी के बाद भी आपकी कानूनी मदद करे।
Delhi Law Firm पूरे भारत में Court Marriage, Love Marriage, Arya Samaj Marriage और Marriage Registration की
कानूनी व प्रोफेशनल सेवाएँ प्रदान करता है।
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